राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कृषि के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राजनांदगांव जिले के आदिवासी बाह...
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में कृषि के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राजनांदगांव जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्राम मलपुरी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, एनआईसी, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई, इनोवेशन एण्ड टेक्नोलोजी फाउंडेशन द्वारा वित्तीय पोषित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी कृषकों को क्रॉप डॉक्टर मोबाइल एप को इन्स्टाल कराकर इसके उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया एवं एप के माध्यम से मिलने वाले लाभ की जानकारी दी गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुंजन झा ने फल एवं सब्जियों के उत्पादन तकनीकी एवं क्रॉप डॉक्टर एप के माध्यम से मिलने वाली जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि क्रॉप डॉक्टर एप के माध्यम से फसलों में होने वाली बीमारी, कीट से सुरक्षा तथा पोषक तत्वों की कमी के संबंध में जानकारी प्रदान की जा सकती है। डॉ. अतुल डांगे ने एप के माध्यम से कृषि यंत्रीकरण एवं डिजिटल कृषि मार्केटिंग पर व्याख्यान दिया। अंजलि घृतलहरे ने मृदा परीक्षण एवं एप के माध्यम से फसलों में होने वाले पोषक तत्वों की पहचान एवं निराकरण पर विस्तृत जानकारी दी गई।
डॉ. योगेंद्र श्रीवास ने एप को इन्स्टाल कराकर एप्प की सम्पूर्ण जानकारी के साथ मौसम आधारित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा विकसित एप दामिनी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दामिनी एप के माध्यम से आकाशीय बिजली से होने वाले नुकसान से बचने के लिए एक उपयोगी एप है, जो बिजली गिरने की संभावना का पूर्वानुमान लगाकर लोगों को सचेत करता है। जिससे जान-माल की क्षति को कम किया जा सकता है। इस एप की जानकारी प्रदान कर उपयोग के तरीके कृषकों को बताए गए एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कृषि के क्षेत्र में समायोजन करने से कृषकों को होने वाले लाभ से अवगत कराया गया।
No comments