गरियाबंद। राजिम कुंभ कल्प में कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास संत समागम के सामने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजती तथा पुनर्जीवित कर उसके संरक्षण ...
गरियाबंद। राजिम कुंभ कल्प में कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास संत समागम के सामने छत्तीसगढ़ की संस्कृति को सहेजती तथा पुनर्जीवित कर उसके संरक्षण के लिए संकल्पित सेल्फी जोन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिसमें बच्चे से लेकर बुजुर्ग वर्ग के लोग भरपूर मनोरंजन करते नजर आ रहे है। साथ ही मेले में बिताए अपने हर पर को यादगार बनाने के लिए वहां के हर एक सामग्री के साथ सेल्फी लेकर उसे अपने कैमरे में कैद कर रहें है। सेल्फी जोन ग्रामीण जीवन शैली पर आधारित बनाया है जहां बैलगाड़ी की तरफ सबसे ज्यादा भीड़ है। लोग किसान का वेश पहनकर सेल्फी ले रहे हैं।
इस सेल्फी जोन में सभी पुराने गहने और वेशभूषा संग्रहित है। स्टाल में पर्रा, टोकरी, पारंपरिक गहने बिछिया, करधन, सुता ऐठी, सुर्रा, किला साडी, खुमरी, राउत वेशभूषा आदि छत्तीसगढ़ी आभूषण लोगो के बीच कौतुहल का विषय बना हुआ है।
सेल्फ़ी जोन की संचालिका गिनिज बुक आफ वर्ड रिकार्ड (बायो आर्ट) एवं तीन बार सीएम अवार्ड से सम्मानित रानी निषाद ने बताया कि आधुनिक पीढ़ी को अपनी संस्कृति की पहचान कराने के लिए यह सेल्फी जोन बनाया गया है। जोन में युवक, युवतियों और महिलाओं के लिए अलग अलग वस्त्र और आभूषण रखे गए है। युवकों के लिए भी धोती, जैकेट, कलगी , सुता , खुमरी , राउत डंडा संग्रहित किया गया है। वहीं युवतियों और महिलाओं के लिए भी विभिन्न प्रकार के पारंपरिक गहने और वस्त्रों का संकलन रखा गया है।
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