नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष ने पेश किया है। कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी ...
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष ने पेश किया है। कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों के हस्ताक्षर वाले इस प्रस्ताव को राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी को सौंप दिया गया है। इस प्रस्ताव को ममता बनर्जी की टीएमसी का भी समर्थन मिल गया है। जयराम रमेश ने कहा कि यह कठिन फैसला है, लेकिन मजबूरी में हमें ऐसा करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सांसदों को तो सदन में बोलने का भी मौका नहीं दिया जाता। उनका माइक तक बंद कर दिया जाता है। यह पक्षपात की स्थिति है और इसलिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है।
जयराम रमेश ने लिखा, ‘विपक्षी INDI अलायंस से जुड़े सभी दलों के पास राज्यसभा के चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। वह राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन पक्षपात के साथ कर रहे थे। INDI अलायंस के दलों के लिए यह एक कठिन फैसला है, लेकिन संसदीय लोकतंत्र के हित में है। इसलिए हमें ऐसा कदम उठाना पड़ा है। अविश्वास प्रस्ताव को हमने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी को सौंप दिया है।’ हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस प्रस्ताव में विपक्षी दलों के किसी भी नेता सदन के हस्ताक्षर नहीं हैं। यहां तक कि सोनिया गांधी के साइन भी इस प्रस्ताव में नहीं हैं। कहा जा रहा है कि कुल 60 सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
पहले खबर थी कि टीएमसी इस प्रस्ताव के समर्थन में नहीं है, लेकिन अब जानकारी मिली है कि ममता बनर्जी की पार्टी भी साथ आ गई है। टीएमसी की सांसद सागरिका घोष ने कहा कि हमारी पार्टी के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया था। हम अविश्वास प्रस्ताव के साथ हैं। संसदीय लोकतंत्र को बचाने के लिए यह जरूरी है क्योंकि चेयरमैन पक्षपात के साथ कार्रवाई का संचालन कर रहे थे। विपक्ष को जनता के मुद्दे उठाने की भी परमिशन नहीं दी जा रही। टीएमसी की एक अन्य सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि हम जनता के मुद्दे उठाना चाहते हैं। ममता दीदी ने हमें रोजगार, महंगाई, मणिपुर और बंगाल के लिए फंड्स के आवंटन जैसे मुद्दे उठाने की सलाह दी है।
भाजपा इन मुद्दों की बात नहीं करती। वह अहम मसलों को दबा देना चाहती है। यदि मौका मिलेगा तो हम भाजपा को इस पर घेरेंगे, लेकिन चेयरमैन ऐसा नहीं होने दे रहे। संविधान के तहत राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसमें नियम के खिलाफ कुछ भी नहीं है। बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों का कहना है कि अडानी, संभल जैसे मसलों पर बात की जाए। वहीं भाजपा ने जॉर्ज सोरोस के साथ सोनिया गांधी के लिंक का आरोप लगाया है। इस मसले पर सोमवार और मंगलवार को भाजपा सांसदों ने जमकर हंगामा भी किया।
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