नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर चुनौती देते हुए कहा कि भारत अब बदल चुका है। आतंकवादी अब अपने घरों में भी स...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर चुनौती देते हुए कहा कि भारत अब बदल चुका है। आतंकवादी अब अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं रह पाते हैं। एक समिट में शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद, विकास और उनकी सरकार की नीतियों पर विस्तार से चर्चा की। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि अब आतंकवादी अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं, यह भारत की सुरक्षा में आई मजबूती का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमले की रिपोर्टों का उल्लेख करते हुए कहा, "आज मैंने एक प्रदर्शनी में 26/11 के हमले से जुड़ी रिपोर्टें देखीं। उस समय आतंकवाद भारतवासियों के लिए एक बड़ा खतरा था और लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते थे।" उन्होंने यह भी कहा कि अब स्थितियां बदल चुकी हैं, "अब आतंकवादी अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते।"
वोट-बैंक राजनीति से दूर, विकास के लिए प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की नीतियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा विकास को प्राथमिकता दी है और वोट-बैंक राजनीति से दूर रही है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है'लोगों के लिए, लोगों द्वारा विकास'। हम केवल जनहित की दिशा में काम कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य भारत को एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बनाना है। भारतीयों ने हमें अपना विश्वास दिया है और हम उस विश्वास को पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं।" उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए फैल रही गलत जानकारी और अफवाहों का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार दृढ़ और अडिग है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्वीकार किया कि स्वतंत्रता के बाद भारत में युवाओं में जोखिम उठाने की भावना का अभाव था, लेकिन पिछले 10 वर्षों में यह पूरी तरह से बदल चुका है। उन्होंने कहा, "आज भारत में 1.25 लाख से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स हैं और हमारे युवा देश को गर्व महसूस कराने के लिए तत्पर हैं।"
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की स्वच्छता और रोजगार सृजन योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "हमारे देश में शौचालय बनाने का अभियान शुरू किया गया था। यह योजना केवल स्वच्छता सुधारने में नहीं, बल्कि रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने में मददगार रही है। यह योजना सम्मान और सुरक्षा प्रदान करती है।
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