रायपुर। तीन दिवसीय राष्ट्रीय ग्रीन समिट के तकनीकी सत्र में बस्तर की बेटी, अपूर्वा त्रिपाठी ने बस्तर में जैविक पद्धति से की जा रही लाभदायक बह...
रायपुर। तीन दिवसीय राष्ट्रीय ग्रीन समिट के तकनीकी सत्र में बस्तर की बेटी, अपूर्वा त्रिपाठी ने बस्तर में जैविक पद्धति से की जा रही लाभदायक बहुस्तरीय खेती के अंतर्गत जड़ी बूटियों की खेती तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए 'नेचुरल ग्रीनहाउस मॉडल' पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि नेचुरल ग्रीनहाउस न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का भी एक प्रभावी समाधान प्रस्तुत करता है।
यह मॉडल प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला साबित हो रहा है। अपूर्वा, कानून विशेषज्ञ होने के साथ-साथ वनवासी महिलाओं के अधिकारों पर शोध कर रही हैं, जिन्होंने दुर्लभ और औषधीय पौधों की खेती से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
अपने कार्य अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि "मां दंतेश्वरी हर्बल फर्म्स एवं रिसर्च सेंटर" द्वारा डॉ. राजाराम त्रिपाठी के नेतृत्व में विकसित "नेचुरल ग्रीनहाउस मॉडल" किसानों के लिए बेहतर साबित हो सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपूर्वा त्रिपाठी के प्रदर्शन को सराहते हुए उन्हें सम्मानित किया गया तथा ग्रीन समिट विशिष्ट-सम्मान' प्रदान किया गया।
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