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ओबीसी से 5 मंत्री, दलितों को भी सम्मान; नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में जाट की कितनी हिस्सेदारी

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव की राजनीति में भाजपा ने जाट बनाम गैर जाट की लड़ाई के सहारे कांग्रेस को पछाड़ा। इसका असर नए नवेले मुख्यमंत्...



नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव की राजनीति में भाजपा ने जाट बनाम गैर जाट की लड़ाई के सहारे कांग्रेस को पछाड़ा। इसका असर नए नवेले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में भी देखने को मिल रही है। भाजपा ने 13 सदस्यीय नई कैबिनेट में जातिगत समीकरण और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व को संतुलित करने की कोशिश की है। पार्टी के ओबीसी चेहरे सैनी के साथ भाजपा ने दलित, जाट, ब्राह्मण, अहीर, पंजाबी, गुर्जर, बनिया और राजपूत समुदायों से मंत्रियों को शामिल किया है।

सात बार के विधायक अनिल विज, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव सिंह (अटेली विधायक) और पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी (तोशाम विधायक) को मंत्री बनाकर हरियाणा के महत्वपूर्ण राजनीतिक खिलाड़ियों, परिवारों और क्षेत्रों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

पांच ओबीसी मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिली है। नायब सिंह सैनी के अलावा अन्य ओबीसी मंत्रियों में बादशाहपुर विधायक राव नरबीर सिंह, बरवाला विधायक रणबीर सिंह गंगवा, तिगांव विधायक राजेश नागर और आरती राव सिंह शामिल हैं। रणबीर सिंह गंगवा कुम्हार समुदाय से हैं। वहीं, आरती और नरबीर अहीर हैं। राजेश नागर गुर्जर हैं।

आरती और नरबीर को कैबिनेट में शामिल करने को दक्षिण हरियाणा को अधिक प्रतिनिधित्व देने के भाजपा के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। इस इलाके ने 2014 से पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हरियाणा की आबादी का एक चौथाई हिस्सा जाट समुदाय का है। यह समुदाय कांग्रेस के पीछे मजबूती से खड़ा है। इस समुदाय से भी कैबिनेट में दो मंत्री हैं। श्रुति चौधरी और पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा को मंत्री बनाया गया है। ढांडा और बल्लभगढ़ विधायक मूलचंद शर्मा पिछले सैनी कैबिनेट में मंत्री थे। उनमें से सिर्फ एक को रखा गया और नया चेहरा दिया गया।

दलितों को भी सम्मान

भाजपा को जब जाट ने नकार दिया तो भगवा पार्टी ने सारा ध्यान दलितों को साधने पर लगाया। नरवाना विधायक कृष्ण बेदी और इसराना विधायक कृष्ण लाल पंवार चुनाव जीतने में सफल रहे। दलितों भाजपा ने काफी तरजीह दी है। इसलिए भाजपा ने शपथ ग्रहण के लिए वाल्मीकि जयंती का दिन चुना। सैनी ने शपथ लेने से पहले पंचकूला में वाल्मीकि मंदिर का दौरा किया।

2014 में मनोहर लाल खट्टर के सीएम बनने के बाद से पंजाबी समुदाय, जो भाजपा के लिए एक प्रमुख वोट बैंक रहा है, को भी सात बार के विधायक अनिल विज के रूप में समायोजित किया गया है। उन्हें प्रमुख विभाग मिलने की संभावना है। कैबिनेट में गोहाना विधायक अरविंद शर्मा और पलवल विधायक गौरव गौतम के रूप में दो ब्राह्मण हैं। फरीदाबाद विधायक विपुल गोयल को कैबिनेट में शामिल करके एक बनिया को भी जगह मिली है। रादौर विधायक श्याम सिंह राणा को कैबिनेट में जगह मिली है, जो कि राजपूत हैं।

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