रायपुर । आचार्य अरिहंत सिद्ध सूरीश्वर के समुदायवर्ती गच्छाधिपति, आचार्य श्रीमद् विजय हेमप्रभ सूरीश्वर का 27 सितंबर को नवसारी में देवलोक गमन ...
रायपुर । आचार्य अरिहंत सिद्ध सूरीश्वर के समुदायवर्ती गच्छाधिपति, आचार्य श्रीमद् विजय हेमप्रभ सूरीश्वर का 27 सितंबर को नवसारी में देवलोक गमन हो गया।
उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ प्रबंधन नगपुरा के अध्यक्ष गजराज पगारिया तथा मैनेजिंग ट्रस्टी पुखराज दुगड ने उनके विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आचार्य हेमप्रभ सूरीश्वर का जीवन जिनशासन की सेवा और श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ के प्रारंभिक विकास से जुड़ा हुआ था। उनके मार्गदर्शन और आशीर्वाद से तीर्थ की उन्नति संभव हो सकी।
उन्होंने कहा कि 11 फरवरी 1998 को माघ सुदी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आचार्य भगवंत 102 साधु-साध्वीजी भगवंतों के साथ तीर्थ पधारे थे। उनके सरल, सौम्य और प्रशमरस में निमग्न व्यक्तित्व ने जिनशासन को गौरव प्रदान किया। पूज्य आचार्यश्री के देवलोक गमन से जिनशासन को अपूरणीय क्षति हुई है। उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ प्रबंधन नगपुरा, पूज्य आचार्यश्री को कोटिशः वंदन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
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