नई दिल्ली। आरएसएस चीफ मोहन भागवत अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसी एडवांस सुरक्षा के बीच रहेंगे। उनके जेड प्लस सुरक्...
नई दिल्ली। आरएसएस चीफ मोहन भागवत अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसी एडवांस सुरक्षा के बीच रहेंगे। उनके जेड प्लस सुरक्षा कवर को बढ़ाकर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) कर दिया गया है। ऐसे में उनकी सुरक्षा में अब और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। उनका सुरक्षा घेरा पहले से भी ज्यादा पुख्ता होगा। हाल ही में गृह मंत्रालय की ओर से की गई समीक्षा बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है।
क्यों बढ़ाई गई सुरक्षा
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक समीक्षा बैठक में पाया गया कि गैर बीजेपी शासित राज्यों में मोहन भागवत की सुरक्षा के दौरान ढिलाई बरती गई है। ऐसे में संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षा में इजाफा करने का फैसला लिया गया है। फिलहाल मोहन भागवत की सुरक्षा में सीआईएसएफ के जवान और अधिकारी शामिल थे। जानकारी के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसकी जानकारी दे दी गई है। मोहन भागवत अब बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में रहेंगे। इतना ही नहीं हेलीकॉप्टर यात्रा की अनुमति केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में ही दी जाएगी।
कैसी होती है जेड प्लस सिक्योरिटी
भारत में सबसे सुरक्षित दल एसपीजी को माना जाता है। यह केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा करती है। इसके बाद जेल प्लस सुरक्षा सबसे एडवांस होती है। इसमें 55 जवान सिक्योरिटी पाने वाले वीआईपी की 24 घंटे सुरक्षा करते हैं। यह जवान नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी के कमाांडो होते हैं। जिस व्यक्ति को यह सुरक्षा दी जाती है, उसके घर से लेकर दफ्तर और यात्रा के दौरान यह कमांडो साथ रहते हैं। हर जवान मार्शल आर्ट और निहत्थे लड़ने में प्रशिक्षित होता है। यह भारत के चुनिंदा लोगों को ही दी जाती है।
कैसे काम करती है एएसएल
यह सुरक्षा एक रूल बुल के आधार पर काम करती है। इसे ब्लू बुक कहा जाता है। इसमें एक तरह का प्रोटोकॉल होता है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इसे खास ध्यान रखा जाता है। एएसएल में संबंधित राज्य में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी, राज्य के पुलिस अधिकारी और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट शामिल होते हैं। एएसएल रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं।
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