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आईआईटी भिलाई में इंटरनेशनल सम्मेलन का आयोजन, रिसर्चर्स का हुआ सम्मान

भिलाई। सस्टेनेबल इंडिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन आईआईटी भिलाई में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सांसद विजय बघेल उपस्थ...

भिलाई। सस्टेनेबल इंडिया द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन आईआईटी भिलाई में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सांसद विजय बघेल उपस्थित रहे। सिंगापुर के शिक्षक मिस्टर स्माहोन एवं आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस दौरान अरविन्द एवं जीमां के चरणों में पुष्प अर्पित किया गया।

अरविन्द योग व नालेज फाउंडेशन के फाउंडर डॉ इंद्राणी ने कहा कि जब हम अपनी चेतना का विकास करेंगे तभी हम अरविन्द के संपूर्ण जीवन योग को अपने जीवन में उतार पाएंगे। आईआईटी के डायरेक्टर ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने आप में एक सम्पूर्ण राज्य है। समय है कि इनको एकत्रित करना व सिंचित ज्ञान को किस तरह से आईआईटी से जोड़ा जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर राज्य में एक आईआईटी की कल्पना इसी बात को ध्यान में रख कर की है।

कार्यक्रम के डायरेक्टर डॉ समरेन्दु घोष ने बताया कि हम पाटन के फुण्डा गांव के आस पास एक सौ चार गांव में चिकित्सा व सिंचाई के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। सिंगापुर से आएं हुऐ टाम स्माहोन ने कहा कि हम सबसे विकसित देश है, परन्तु हमें भारत से जमीन से जुड़ने की कला को सिखनी चाहिए। सांसद विजय बघेल ने कहा कि अरविंदो की संस्था ने मेरी जन्म भूमि कर्म भूमि पाटन के ग्राम फुण्डा से इस की शुरुआत की।

ऐसे बहुत से लोग हैं जो इनके कार्य से प्रभावित हुए हैं। आज की आवश्यकता है जो रास्ता हमें दिखाए गए है। उस रास्ते पर चलते हुए उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ये गांव सर्वदा तत्पर है। हमारे खास कर छत्तीसगढ़ की बात करें तो जो भगवान रामजी का ननीहाल है। भगवान राम जी वनवास में थे सबसे ज्यादा समय यहां बिताए। छत्तीसगढ़ में बहुत संभावनाएं हैं।

इस बात का उल्लेख डायरेक्टर राजीव प्रकाश ने भी किया है। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमें प्रकृति में मानव जीवन दिया है। उनके संरक्षण और संवर्धन को जानने और पहचानने की आवश्यकता है। विभिन्न राज्यों से आए रिसर्चर को प्रमाण पत्र व मेंडल देकर सम्मानित किया गया। जिन्होंने उत्कृष्ट कार्य कर समाज में एक मिशाल बनाया जिनमें आसाम, महाराष्ट्र ,उत्तराखंड, समेत राज्यों से आए हुए रिसर्चर का सम्मान किया गया।

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