बीजापुर। राज्य में 26 जून से शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सत्र प्रारंभ होते ही, शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन प्रदेश भर के विद्यालयों में ...
बीजापुर। राज्य में 26 जून से शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है। सत्र प्रारंभ होते ही, शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन प्रदेश भर के विद्यालयों में रखा गया था। सर्व सुविधा युक्त विद्यालय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर शासन प्रशासन भले ही वाहवाही लूटता रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावों को दरकिनार कर वास्तविकता से अवगत कराती है।
जिले भर में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी मीडियम विद्यालय के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। लगभग एक करोड़ की लागत से नव निर्मित भवन पहली बारिश में ही निर्माण की पोल खोलकर रख दिया। जिला निर्माण समिति के कर्मचारी और ठेकेदार के बीच की मिलीभगत के कारण स्कूल में बच्चे बैठे तक नहीं हैं, लेकिन स्कूल की दीवारों में दरारें पड़ने लगीं हैं, दीवारों में सीलन आ रही है, और छत से पानी टपकने लगा है। इस स्थिति में यह भवन कब दम तोड़ देगा और कितने को ले डूबेगा, यह तो भविष्य बताएगा। प्रकृति न करे कि ऐसी अनहोनी हो जिसमें भ्रष्टाचार की भेट नवनिहालों को चढ़ाया जाए।
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि ऐसे घटिया निर्माण को रोकते हुए जांच कर भ्रष्टाचार संबंधित ठेकेदार के ऊपर निर्माण में लगी राशि की पूर्ण वसूली करे और संबंधित इंजीनियर पर निलंबन करते हुए विभागीय जांच करे। साथ ही साथ भ्रष्ट ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करते हुए कार्रवाई की जाए ताकि आगे से कोई ऐसी गलती न करें।
स्वामी आत्मानंद हिंदी स्कूल मामले में कार्यवाही सिर्फ रिपेयरिंग तक सीमित न हो, बल्कि संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्यवाही की जाए। अगर संबंधितों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो भ्रष्टाचार का मनोबल बढ़ेगा, जिससे आगामी कार्यों में भी इस प्रकार की अनियमितता होती रहेगी।
यह घटना शासन और प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि शिक्षा क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं किया जा सकता।
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