रायपुर। कलेक्टोरेट के कॉल सेंटर और नगर निगम के ‘निदान-1100’ में एक ही तरह की शिकायतें आ रही हैं। इससे फिल्ड में काम करने वाले अधिकारियों-कर्...
रायपुर। कलेक्टोरेट के कॉल सेंटर और नगर निगम के ‘निदान-1100’ में एक ही तरह की शिकायतें आ रही हैं। इससे फिल्ड में काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। एक जगह की शिकायत दूर होने के बाद भी दूसरी जगह यह समस्या जस की तस दिखाई दे रही है।
ऐसा रोज 30 से 40 मामलों में हो रहा है। इसको देखते हुए कलेक्टर डा. गौरव कुमार ने मंगलवार को आईटी सेल के इंजीनियरों के साथ एक अहम बैठक की। उन्होंने व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया है। अब कलेक्टोरेट के कॉल सेंटर और नगर निगम के ‘निदान-1100’ का एकीकरण किया जाएगा। इसके बाद कॉल सेंटर में आने वाली शिकायतें सीधे निदान में भेज दी जाएंगी। इसकी एंट्री अब निदान में ही होगी और इसके निराकरण भी एक निश्चित प्रक्रिया के तहत होगा। इससे दोहराव नहीं होगा। यदि कोई शिकायत निदान में पहले से दर्ज है तो उसकी दोबारा एंट्री नहीं होगी।
बता दें कि कलेक्टोरेट के कॉल सेंटर में सफाई, नाली, कचरा, राशन कार्ड, कुत्तों के आतंक और ऐसे ही दर्जनों मामले आ रहे हैं। इनकी संख्या रोज करीब 80 पहुंच रही है। ऐसी शिकायतों के लिए नगर निगम का ‘ निदान-1100’ चल रहा है। यहां रोज 200 से ज्यादा शिकायतें पहुंच रही हैं। इनमें से 30 से 40 मामले ऐसे हैं जो दोनों जगह दर्ज हो रहे हैं।
बता दें कि रायपुर जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं। राजस्व, पंजीयन, तहसील, खनिज, आबकारी सहित दर्जनों विभागों से संबंधित शिकायतों के लिए लोगों को 50 से 60 किमी चलकर रायपुर आना पड़ता है। कलेक्टर जिले में राज्य का प्रशासनिक प्रतिनिधि अधिकारी होता है। इसलिए मुख्यमंत्री को भेजी जाने वाली शिकायतें भी कलेक्टर के पास पहुंचती है। ऐसे में लोगों को आनलाइन शिकायतों के लिए सुविधा देने कलेक्टोरेट में कॉल सेंटर शुरू किया गया है। बड़े मामलों की शिकायतें करने के बजाए लोग नाली, कचरा, सफाई, मवेशी, बिजली और अन्य तरह मामले दर्ज करा रहे हैं। यही शिकायतें निगम में पहुंचने से दोहराव हो रहा है। इससे अनावश्यक डेटा बढ़ रहा है और हल होने के बाद भी सेंटर पर शिकायतें पेंडिंग दिख रही हैं।
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