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विपक्ष ने उठाया शराब बिक्री में अनियमितता का मुद्दा, मंत्री के जवाब पर आसंदी ने किया हस्ताक्षेप, कहा- पूरी जानकारी लेकर रखें सदन में…

 विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने शराब बिक्री में अनियमितता के साथ जहरीली शराब पीने से प्रदेश में होने वाली मौतों की जानकारी ...



 विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने शराब बिक्री में अनियमितता के साथ जहरीली शराब पीने से प्रदेश में होने वाली मौतों की जानकारी मांगी. इस पर विभागीय मंत्री कवासी लखमा के जवाब पर स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि मंत्री पूरी जानकारी लेकर सदन में रख दें. यह गम्भीर मामला है. पूरा जवाब सदन में नहीं आया है.


नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मामला उठाते हुए पूछा कि 1 अप्रैल 2021 से जून 2023 तक की स्थिति तक अधिक दर पर शराब बेचने, मिलावटी शराब, बिना होलोग्राम के शराब बेचने के साथ-साथ ज़हरीली शराब पीने से कितनी मौत हुई? उन्होंने कहा कि जांजगीर में ज़हरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हुई. अकलतरा में मौत हुई. रोगदा गाँव में शराब की शासकीय दुकान नहीं थी. आबकारी विभाग की मिलीभगत से अवैध शराब बेची जा रही थी. इन मौतों का ज़िम्मेदार कौन है?


आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इस पर स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो मामला चल रहा है, वह अलग है. ये मामला अलग है. इस पर मंत्री मोहम्मद अकबर के जवाब देने पर अजय चंद्राकर ने आपत्ति जताई. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह संसदीय परंपरा के विरुद्ध होगा. जब आबकारी मंत्री खड़े हो गये हैं, तो पूरा जवाब वहीं दें. आबकारी मंत्री ने कहा कि मौतें ज़हरीली शराब से नहीं हुई. मौत जहरीली दवाओं से हुई है. इसे बेचने वाले दुकानदार पर कार्रवाई हुई है.


नारायण चंदेल ने कहा कि रोगदा गाँव में कांग्रेसी कार्यकर्ता अवैध शराब बेच रहा था. गाँव वालों ने इसकी शिकायत की थी. कवासी लखमा ने कहा कि जिसे कांग्रेसी कार्यकर्ता बताया जा रहा है, वह कांग्रेसी नहीं, बीजेपी का कार्यकर्ता है. इस पर नारायण चंदेल ने पूछा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट क्या आई है? इन मौतों का ज़िम्मेदार कौन है? मंत्री ने कहा कि कोई ज़िम्मेदार नहीं है. मौत दवा पीने से हुई है. स्पीकर डॉ. महंत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मंत्री पूरी जानकारी लेकर सदन में रख दें. यह गम्भीर मामला है. पूरा जवाब सदन में नहीं आया है.





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