रायपुर, 27 जुलाई 2023 राज्यपाल और कुलाध्यक्ष विश्वभूषण हरिचंदन ने 27 जुलाई को राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक लेकर उ...
रायपुर, 27 जुलाई 2023
राज्यपाल और कुलाध्यक्ष विश्वभूषण हरिचंदन ने 27 जुलाई को राज्य के सभी निजी विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक लेकर उनकी शैक्षणिक गतिविधियों, अनुसंधान कार्य एवं अन्य कार्यो की समीक्षा की। राज्यपाल ने कहा कि योग विश्व को भारत की देन है। विद्यार्थियों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए विश्वविद्यालयों में योग की गतिविधियां संचालित की जायंे। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से भारत के योग को पूरी दुनिया में पहचान मिली और पूरी दुनिया अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा। भारत ने विश्वगुरू बनने की दिशा में आगे कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि योग से तन और मन स्वस्थ होगा और युवा पीढ़ी अपनी पूरी क्षमता के साथ देश के निर्माण में समर्पित होगी। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ परदेसी ,राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के चेयरमेन डॉ. उमेश मिश्रा और सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।
राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि अध्ययन के अलावा विद्यार्थियों की समाज और राष्ट्र के प्रति भी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों को इस भूमिका के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए। उनमे देशभक्ति की भावना भी जगानी चाहिए। विद्यार्थियों को वंचित वर्गाे की सहायता के लिए आगे आना चाहिए और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाजार की आवश्यकता के अनुरूप युवाओं के कौशल उन्नयन हेतु प्रयास करना चाहिए जिससे युवा आत्मनिर्भर बन सकें। विश्वविद्यालयों में ऐसे पाठ्यक्रम बनाये जाये जिससे युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ें। विश्वविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल और कैरियर काउंसिलिंग सेल सक्रिय रूप से कार्य करें। विद्यार्थियों को रक्त दान, वृक्षारोपण एवं अन्य सामाजिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का अध्ययन ही जरूरी नहीं है बल्कि उनका सर्वांगीण विकास होना चााहिए जिससे ‘‘आत्मनिर्भर भारत‘‘ की दिशा में हम कदम बढ़ा सकेेंगे। यह विश्वविद्यालयों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। हम सभी को अपने राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए और अपने युवाओं को उचित प्रशिक्षण और ज्ञान से लैस करना चाहिए ताकि वे एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें और राज्य और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकें।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत व्यवसायिक एवं वोकेशनल शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट प्राध्यापको की भर्ती के लिए सभी विश्वविद्यालय अनिवार्य रूप से कार्यवाही करें।
बैठक में उपस्थित छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन डॉ. मिश्रा ने पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, सामाजिक गतिविधियां, आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन आदि के संबंध में समय-समय पर प्रसारित दिशा-निर्देशों का निजी विश्वविद्यालयों को पालन कराया गया है। विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा अध्यादेशों में प्रस्तावित संशोधनों को समय पर जारी किया गया।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन सहित विभिन्न विषयों पर विश्वविद्यालयों से जानकारी ली गई। उपस्थित कुलपतियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने विश्वविद्यालयों में संचालित गतिविधियों, शैक्षणिक स्टॉफ की भर्ती और नियुक्ति, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से किये गये एम.ओ.यू., पाठ्यक्रम, परीक्षा और परिणाम, अनुसंधान तथा विश्वविद्यालय द्वारा अन्य क्षेत्रों में किये गये नवाचार के बारे में जानकारी दी।
बैठक में मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़, आई.सी.एफ.ए.आई विश्वविद्यालय दुर्ग, आई.एस.बी.एम. विश्वविद्यालय गरियाबंद, रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर, एमीटी विश्वविद्यालय रायपुर, आईएमटी विश्वविद्यालय रायपुर, महार्षि विश्वविद्यालय बिलासपुर, देव संस्कृति विश्वविद्यालय दुर्ग, सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर, कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर, भारती विश्वविद्यालय दुर्ग, शंकराचार्य विश्वविद्यालय भिलाई, के. के. मोदी विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपतिगण उपस्थित
राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि अध्ययन के अलावा विद्यार्थियों की समाज और राष्ट्र के प्रति भी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालयों को इस भूमिका के लिए भी विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए। उनमे देशभक्ति की भावना भी जगानी चाहिए। विद्यार्थियों को वंचित वर्गाे की सहायता के लिए आगे आना चाहिए और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाजार की आवश्यकता के अनुरूप युवाओं के कौशल उन्नयन हेतु प्रयास करना चाहिए जिससे युवा आत्मनिर्भर बन सकें। विश्वविद्यालयों में ऐसे पाठ्यक्रम बनाये जाये जिससे युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ें। विश्वविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल और कैरियर काउंसिलिंग सेल सक्रिय रूप से कार्य करें। विद्यार्थियों को रक्त दान, वृक्षारोपण एवं अन्य सामाजिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का अध्ययन ही जरूरी नहीं है बल्कि उनका सर्वांगीण विकास होना चााहिए जिससे ‘‘आत्मनिर्भर भारत‘‘ की दिशा में हम कदम बढ़ा सकेेंगे। यह विश्वविद्यालयों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। हम सभी को अपने राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए और अपने युवाओं को उचित प्रशिक्षण और ज्ञान से लैस करना चाहिए ताकि वे एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें और राज्य और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकें।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत व्यवसायिक एवं वोकेशनल शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट प्राध्यापको की भर्ती के लिए सभी विश्वविद्यालय अनिवार्य रूप से कार्यवाही करें।
बैठक में उपस्थित छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन डॉ. मिश्रा ने पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, सामाजिक गतिविधियां, आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन आदि के संबंध में समय-समय पर प्रसारित दिशा-निर्देशों का निजी विश्वविद्यालयों को पालन कराया गया है। विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा अध्यादेशों में प्रस्तावित संशोधनों को समय पर जारी किया गया।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन सहित विभिन्न विषयों पर विश्वविद्यालयों से जानकारी ली गई। उपस्थित कुलपतियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने विश्वविद्यालयों में संचालित गतिविधियों, शैक्षणिक स्टॉफ की भर्ती और नियुक्ति, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं से किये गये एम.ओ.यू., पाठ्यक्रम, परीक्षा और परिणाम, अनुसंधान तथा विश्वविद्यालय द्वारा अन्य क्षेत्रों में किये गये नवाचार के बारे में जानकारी दी।
बैठक में मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़, आई.सी.एफ.ए.आई विश्वविद्यालय दुर्ग, आई.एस.बी.एम. विश्वविद्यालय गरियाबंद, रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय रायपुर, एमीटी विश्वविद्यालय रायपुर, आईएमटी विश्वविद्यालय रायपुर, महार्षि विश्वविद्यालय बिलासपुर, देव संस्कृति विश्वविद्यालय दुर्ग, सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर, कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर, भारती विश्वविद्यालय दुर्ग, शंकराचार्य विश्वविद्यालय भिलाई, के. के. मोदी विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपतिगण उपस्थित
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