जिले में स्कूलों को संवारने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। भवनों की मरम्मत हो रही है, छतों को सुधारा जा रहा है। सीलिंग और फ्लोर का काम हो र...
जिले में स्कूलों को संवारने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। भवनों की मरम्मत हो रही है, छतों को सुधारा जा रहा है। सीलिंग और फ्लोर का काम हो रहा है, शौचालयों की मरम्मत चल रही है। दीवारों में नया रंग-रोगन किया जा रहा है, ताकि स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को उनका अपना स्कूल एक नए कलेवर में मिले। पूरे जिले में तकरीबन 784 से ज्यादा स्कूलों का एक साथ कायाकल्प किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के साथ साथ डीएमएफ से कुल मिलाकर करीब 77 करोड़ 68 लाख रुपए की राशि खर्च की जा रही है। यह अब तक स्कूल भवनों की मरम्मत में की जाने वाली सर्वाधिक राशि है।
कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी स्कूलों के मरम्मत और निर्माण कार्य को प्राथमिकता में रखते हुए लगातार कार्य के प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ब्रजेश बाजपेयी भी मरम्मत हो रहे स्कूलों का नियमित निरीक्षण कर रहे हैं। कलेक्टर ने शिक्षा और निर्माण विभाग को बैठकों में इस संबंध विशेष निर्देश दिए हुए हैं कि स्कूल मरम्मत बच्चों से जुड़ा कार्य है, इसमें काम के गति और गुणवत्ता दोनों का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी और स्कूल समन्वयकों को अपने अपने क्षेत्र के अंतर्गत स्कूलों के निर्माण कार्य की नियमित मॉनिटरिंग के लिए निर्देशित किया हुआ है। कलेक्टर रघुवंशी के मार्गदर्शन में पूरे जिले में स्कूलों के कायाकल्प का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। जिन स्कूलों में कार्य पूरा हो गया है, वे बिल्कुल नए स्वरूप, नए कलेवर में नजर आ रहे हैं। इनमें शहरी इलाकों से लेकर दूर दराज के स्कूल शामिल हैं।
स्कूलों में हो रहे मरम्मत कार्य को लेकर लोगों ने कहा कि इससे स्कूल में पढऩे वाले छात्रों को बेहतर सुविधायें मिलेंगी। कुरुद विकासखण्ड के फुसेरा स्थित गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के प्राथमिक शाला भवन में कार्य किया गया है। यहां स्कूल के छत से लेकर फ्लोर तक कि मरम्मत की गई है। जो छोटी-मोटी टूट-फुट थी उसे भी ठीक किया गया है। पूरे भवन की रंगाई-पुताई की गई है। स्कूल अब बिल्कुल नए स्वरूप में नजर आने लगा है। फुसेरा की तरह दूर-दराज के कई स्कूलों को संवारने का कार्य लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना से हो रहा कायाकल्प
अगले सत्र से पहले स्कूलों की मरम्मत को शासन ने प्राथमिकता में रखा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं इस संबंध में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की घोषणा की है। शासन द्वारा स्कूलों का सर्वे कर मरम्मत योग्य स्कूलों की जानकारी मंगाई थी। शासन द्वारा जारी स्वीकृति आदेश के मुताबिक डीपीआई एवं समग्र शिक्षा मद से 784 स्कूलों के लिए 74 करोड़ 42 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
डीएमएफ मद से भी खर्च की जा रही राशि
अगले शिक्षा सत्र से 01 आत्मानंद स्कूल और प्रारंभ हो रहे हैं, इसके उन्नयन के लिए कलेक्टर रघुवंशी ने डीएमएफ मद से 07 स्कूलों के लिए कुल 03 करोड़ 26 लाख रूपये दिए गए हैं।
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