राजधानी में हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश के कोने कोने से अपनी संस्कृति कला का प्रदर्शन करते कलाकार तरह तरह की नृत्य की प्र...
राजधानी में हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश के कोने कोने से अपनी संस्कृति कला का प्रदर्शन करते कलाकार तरह तरह की नृत्य की प्रस्तुति कर रहे हैं । जिसे देखकर लोगो को गर्व की अनुभूति हो रही है । एक ही छत के नीचे अलग अलग राज्यों के लोक कलाएं लोगो को देखने मिल रही है ।
पौराणिक कथाओं में नरसिंह अवतार की कथा आती है जिसमें भगवान विष्णु नरसिंह का रूप लेकर हिरण्यकश्यप का वध करते हैं। यह कथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। इसी कथा को आधार बनाकर महाराष्ट्र में सोंगी मुखौटा लोकनृत्य किया जाता है। होली पर्व के बाद महाराष्ट्र में यह नृत्य किया जाता है और देवी की पूजा के साथ उत्सव मनाया जाता है। कथा में दो कलाकार नरसिंह का रूप धारण कर नृत्य करते हैं और ढोल पावरी तथा संबल वाद्य यंत्रों के माध्यम से पैदा हुई ध्वनि से कथा दर्शकों के समक्ष जीवंत हो जाती है।
इसके साथ ही नर्तक काल भैरव और बेताल के मुखौटे भी पहनते हैं जिससे लोक में प्रचलित बहुत सी कथाएं लोकनृत्य के माध्यम से अभिव्यक्त हो जाती है। इसके साथ ही कलाकार पिरामिड का आकार भी लेते हैं। लोकनृत्य के साथ होली त्योहार का उत्सव महाराष्ट्र में पूरा होता है। सोंगी मुखौटा नृत्य के इस अद्भुत दृश्य को आज राष्ट्रीय आदिवासी लोक नृत्य महोत्सव के माध्यम से दर्शकों ने देखा और इसका पूरा आनंद लिया।
No comments