Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE
Tuesday, March 25

Pages

Classic Header

Top Ad

Breaking :
//

झारखंड के सीएम सोरेन की विधायकी जाने पर सस्पेंस, CMO ने कहा- राज्यपाल को नहीं भेजी गई कोई रिपोर्ट

  झारखंड में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द होने की खबरों का सीएमओ ने खंडन किया है. सीएओ की ओर स...

 


झारखंड में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द होने की खबरों का सीएमओ ने खंडन किया है. सीएओ की ओर से कहा गया है कि ऐसी कोई भी रिपोर्ट चुनाव आयोग की ओर से राज्यपाल को नहीं भेजी गई है. इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर थी कि चुनाव आयोग ने सीएम सोरेन की विधायकी खत्म करने की रिपोर्ट राज्यपाल रमेश बैस को भेजी है. वहीं, इस मामले को लेकर सीएम सोरेन ने बीजेपी पर तंज कसा है. सोरेन ने कहा है कि बीजेपी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. ऐसा लगता है कि बीजेपी के एक एमपी ने ईसीआई की रिपोर्ट तैयार की है.


ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े विवाद में सीएम सोरेन के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में बीजेपी ने शिकायत की थी. सीएम सोरने के लिए दोहरी मुसीबत इसलिए है, क्योंकि माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश के आरोपों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई पूरी ली है. हालांकि कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.


प्रभावित हो सकते हैं राज्य के सत्ता समीकरण

चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के आगामी फैसले से राज्य के सत्ता समीकरण प्रभावित हो सकते हैं. राज्य में इस सियासी हलचल को देखते हुए चार दिन पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की शनिवार को सीएम के आवास पर अहम बैठक हुई थी. बैठक के बाद कांग्रेस और झामुमो के नेताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन पूरी तरह से सेफ है. गठबंधन सरकार के 49 में से 41 विधायक बैठक में मौजूद रहे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलावा कांग्रेस भी सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल है


किस मामले में लटक रही है सोरेन पर तलवार?

झारखंड में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे आदिवासी नेता हेमंत सोरेन इस साल फरवरी में विवादों में फंस गए थे, जब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. हेमंत सोरेन पर खनन पट्टा हासिल करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है. ये आरोप राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता रघुबर दास ने लगाए हैं. सीएम सोरेन के खिलाफ 

आरोपों की जांच के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.


शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप

बीजेपी ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9a का हवाला देते हुए हेमंत सोरेन की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी, क्योंकि राज्य की कैबिनेट में खनन-वन मंत्री का पदभार सीएम सोरेन के पास ही है. इससे पहले सूचना के अधिकार (आरटीआई) के लिए काम करने वाले शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर कर सीबीआई और ईडी से माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी. सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप लगा है.



No comments