सोचिए आप दफ्तर में कोई काम कर रहे हों और कम्प्यूटर पर टाइप करने के दौरान आपसे कोई मामूली गलती (Typo) हो जाए, तो क्या इसके लिए आपको डेढ़ सा...
सोचिए आप दफ्तर में कोई काम कर रहे हों और कम्प्यूटर पर टाइप करने के दौरान आपसे कोई मामूली गलती (Typo) हो जाए, तो क्या इसके लिए आपको डेढ़ साल के लिए जेल भेज देना चाहिए? लेकिन मुंबई में ऐसा ही कुछ नाइजीरिया एक व्यक्ति के साथ हुआ और अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार आदेश दिया है कि वह उस व्यक्ति को दो लाख रुपये का मुआवजा दे.
आपको बताते चलें कि ये मामला एक केमिकल एनालाइजर रिपोर्ट में टाइपिंग की एक मामूली गलती से जुड़ा है. इस मामले में एक नाइजीरियाई व्यक्ति को गलती से डेढ़ साल के लिए जेल भेज दिया गया था.
जस्टिस भारती डेंगरे की अदालत ने जब महाराष्ट्र सरकार को ये आदेश सुनाया है. तो इस मामले में सरकारी वकील ए.ए. ताकलकर ने इस तरह की किसी नीति होने से इंकार किया. इस पर अदालत ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई और कहा कि जब भी आम लोगों के अधिकार की बात आती है या मुआवजा देना होता है, तो नीति नहीं होने की बात कह दी जाती है.
अदालत ने कहा कि वह इस मामले मुआवजा देने का आदेश देंगी. अब और कौन सी जांच बाकी रह गई है. इस मामले में अधिकारी से गलती हुई और मुआवजे की राशि गलती करने वाले अधिकारी से ही वसूली जाए.
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