महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में फंसे कालीचरण की रिहाई 94 दिनों बाद दिनांक 4 अप्रैल सोमवार रात्रि करीब 7.50 बजे हो गई।...
महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में फंसे कालीचरण की रिहाई 94 दिनों बाद दिनांक 4 अप्रैल सोमवार रात्रि करीब 7.50 बजे हो गई। जेल परिसर के बाहर भारी संख्या में उनके समर्थक पहले से जुटे हुए थे और ओम काली के नारों की जायकारे लगाए गए।
गौरतलब है कि शुक्रवार को ही हाइकोर्ट से कालीचरण को जमानत मिल चुकी थी, लेकिन दस्तावेजों के कारण दो दिनों तक रिहाई टल गई। जेल परिसर के बाहर कालीचरण ने कहा कि कुछ नहीं बोलना चाहते....ओम काली....सब कुछ मां काली की कृपा है।
स्टेशन रोड स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर भी गए
साथ ही पास खड़े समर्थकों से वे गले भी मिले। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय के बारे में इतना ही कहेंगे कि हिंदुत्व को हमें जिंदा रखना होगा। समर्थकों ने कालीचरण और राष्ट्रवाद के नारे लगाए। इतना कहते हुए वह सीधे अपने कार में बैठ गए। इसके बाद वहां से स्टेशन रोड स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर भी गए।
जेल परिसर स्थित चामुंडा देवी के मंदिर गए कालीचरण
कालीचरण जैसे ही रात्रि करीब 7.50 बजे जेल से छूटे। तत्काल ही वे अपने कुछ समर्थकों के साथ जेल परिसर स्थित चामुंडा देवी के मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा की और ओम काली के नारे लगाएं।
यह है पूरा मामला
टिकरापारा इलाके में रावणभाठा दशहरा मैदान में 25-26 दिसंबर को दो दिवसीय धर्म संसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मागांधी पर आपत्ति जनक टिप्पणी की थी। इसके बाद कालीचरण पर टिकरापारा थाने में एफआइआर दर्ज करवाई गई। कालीचरण यहां से फरार हो गए थे। जिन्हें रायपुर पुलिस ने 30 दिसंबर को खजुराहो से गिरफ्तार किया था।
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