90 के दशक में सिर्फ 10 नंबर की जर्सी वाले भारतीय क्रिकेटर की बात होती थी. क्योंकि, वो टीम इंडिया का पूरा बोझ उठाकर चलता था. नाम था सचिन तेंद...
90 के दशक में सिर्फ 10 नंबर की जर्सी वाले भारतीय क्रिकेटर की बात होती थी. क्योंकि, वो टीम इंडिया का पूरा बोझ उठाकर चलता था. नाम था सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar). दौर बदला तो दूसरे नंबर की जर्सी में भी खिलाड़ियों ने अपनी धौंस जमानी शुरू की. कुछ सुर्खियों में छाए और कुछ ने फैंस के दिलों में जगह बनाई. 21वीं सदी में क्रिकेट फैंस के दिल पर राज करने वाले भारतीय क्रिकेट की उन्हीं जर्सियों में से एक है जर्सी नंबर 7 और दूसरा जर्सी नंबर 18 . इन दो जर्सियों में लिपटे खिलाड़ी ने मैदान पर जब भी जुगलबंदी की विरोधियों की शामत आ गई. वो तबाब हो गए. जर्सी नंबर 7 और 18 के आगे उनका पूरा गेम प्लान चौपट हो जाता. हम बात कर रहे हैं जर्सी नंबर 10 के बीच इन दो जर्सी नंबर को लोकप्रिय बनाने वाले एमएस धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली (Virat Kohli) की.
वैसे, ये तो मेंस क्रिकेट की बात हो गई. भारतीय महिला क्रिकेट में भी इन दो जर्सियों के रंग में रंगे खिलाड़ियों का वर्चस्व खेल और फैंस के दिलों पर खूब दिखा है. यहां जर्सी नंबर 7 पहने अगर हरमनप्रीत कौर दिखाई देती हैं. तो जर्सी नंबर 18 की भूमिका में होती हैं स्मृति मांधना. महिला क्रिकेट के लिए ये दोनों भी वही काम करती हैं, जो धोनी और विराट किया करते थे.
नंबर 7 और 18 का मेल, बिगाड़ देता है विरोधियों के खेल
मेंस क्रिकेट की बात करें तो जर्सी नंबर 7 में धोनी और 18 नंबर की जर्सी पहने विराट ने साथ मिलकर काफी मैच भारत को जिताए हैं. कई बड़े स्कोर खड़े किए हैं तो कई पहाड़ जैसे स्कोर को चेज भी किया है. ये जोड़ी टीम की संकट मोचक थी, जो किसी भी हालात में मैच का रुख पलटने में सक्षम थी. कुछ ऐसा ही महिला क्रिकेट में स्मृति मांधना और हरमनप्रीत कौर का भी कनेक्शन है.
धोनी-विराट के बाद स्मृति-हरमन
वेस्ट इंडीज के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच में टीम संकट में थी. यास्तिका, मिताली, दीप्ति सब 78 रन के स्कोर पर ही पवेलियन लौट चुकी थीं. ऐसे में जीत के रथ पर सवार वेस्ट इंडीज को रोकने के लिए हरमन और समृति ने पिच पर खूंटा गाड़ दिया. दोनों ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 184 रन जोड़े. दोनों ने शतक जड़ा. और ऐसा करते हुए वर्ल्ड कप में भारत के सबसे बड़े स्कोर की स्क्रिप्ट लिखी.
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