ऐप्पल (Apple) के आईफोन (iPhone) और एंड्रॉयड (Android) फोन का कोई तालमेल नहीं है. ऐप्पल का अपना सॉफ्टवेयर और ऐप स्टोर है. उसके सेफ्टी फीचर्...
ऐप्पल (Apple) के आईफोन (iPhone) और एंड्रॉयड (Android) फोन का कोई तालमेल नहीं है. ऐप्पल का अपना सॉफ्टवेयर और ऐप स्टोर है. उसके सेफ्टी फीचर्स भी अलग हैं. कंपनी समय-समय पर आईफोन यूजर्स के लिए कई खास फीचर लेकर आती रहती है, लेकिन पहली बार कंपनी एंड्रॉयड यूजर्स के लिए भी एक शानदार सेफ्टी फीचर लेकर आई है. कंपनी के अनुसार, उसने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए प्राइवेसी ऐप Tracker Detect को लॉन्च कर दिया है. आइए जानते हैं क्या है यह फीचर और कैसे करेगा काम.
ऐप्पल इंक (Apple Inc) की ओर से सोमवार को जारी किए गए बयान में बताया गया है कि इस एंड्रॉयड ऐप की मदद से यूजर्स अपने आसपास के एयरटैग्स को आसानी से स्कैन कर सकेंगे. यही नहीं, यूजर्स 10 मिनट तक साउंड बजाकर उस ट्रैकर डिवाइस को ढूंढ भी सकते हैं. अगर किसी यूजर को लगता है कि कोई शख्स उनकी लोकेशन को ट्रैक करने के लिए एयरटैग्स और दूसरे कंपैटिबल डिवाइस का इस्तेमाल कर रहा है तो वह इस ऐप के जरिए ऐसे डिवाइस को तलाश कर सकता है.
साउंड की मदद से कर सकेंगे डिजेबल
कंपनी का कहना है कि यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर आ चुका है. इस ऐप से एंड्रॉयड यूजर्स आसानी से स्कैनिंग करते हुए एयरटैग्स का पता लगा सकते हैं. इसके तहत ऐसे डिवाइस आसानी से ट्रैक हो जाते हैं जो अपने वास्तविक मालिक के पास नहीं हैं और 10 मिनट से भी ज्यादा समय से यूजर के साथ घूम रहे हैं. ऐसी स्थिति में इस ऐप में एक साउंड बजने लगेगा. इसके बाद आप उस डिवाइस को ढूंढकर उसे डिजेबल कर सकते हैं.
एक्सपर्ट के अनुसार AirTags छोटे डिवाइस होते हैं जिन्हें चाबियों और पर्स जैसी चीजों से जोड़ा जा सकता है, जिससे इनके खो जाने पर इनका पता लगाया जा सके लेकिन कई लोग इसका इस्तेमाल दूसरों पर नजर रखने के लिए भी करते हैं.
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