बहुत दिनों से अपनी मांगों को लेकर व्याख्याता संघ दिन रात एक करके अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है परंतु आलम ये है सरकार न कोई सुनवाई कर रही है ...
बहुत दिनों से अपनी मांगों को लेकर व्याख्याता संघ दिन रात एक करके अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है परंतु आलम ये है सरकार न कोई सुनवाई कर रही है बल्कि पुलिस बल का प्रयोग कर इन्हे रोका जा रहा है । बीते दिनों अतिथि व्याख्या संघ छत्तीसगढ़ ने सप्रे शाला परिसर में गिरफ्तार हो काली दिवाली मनाई है| अध्यक्ष भानु आहिरे के अनुसार तीन मांग के लिए तीन प्रदर्शन करने के बावजूद 28/09/2021 को धरना, 09/10/2021 को चक्काजाम, 18/10/2021 को घेराव प्रदर्शन कर चुके हैं| परंतु उच्च शिक्षा विभाग सौतेला व्यवहार कर रही है, केंद्र से आने वाले यूजीसी मानदेय को भी काट छांट कर दिया जा रहा है|
हमें सड़क से सोशलमीडिया तक बेजुबान किया गया है, जो कि पूरी तरह अन्यायपूर्ण है, एक ओर चयनित सहायक प्राध्यापकों के लिए खुद मुख्यमंत्री ट्वीट कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अतिथि व्याख्याताओ को नजरअंदाज कर रहे हैं| दो बार से झड़प में महिला अतिथि व्याख्याता बेहोश हो जाती रही डा कंचन गिलहरे ने कहा कि "काका अभी जिंदा है, लेकिन क्या हम आपकी बेटियां नहीं है?"
प्रदेश सचिव शरद तिवारी ने पिछले 11 वर्षों से वही नियम है और महंगाई दर 2014 से 2021 तक में 14.01% बढ़ गई है और सभी शासकीय अधिकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता भी जुलाई माह में 05% बढ़ाया गया है 12 से 17 कर दिया गया है। एकमुश्त प्रतिमाह वेतनमान में वृद्धि की जाए। 800/- प्रति कार्यदिवस की सीलिंग के कारण, महंगाई की मार झेल रहे हैं। , सात घंटे न्यूनतम प्रतिदिन जब रोका जा रहा है तो 11 माह की पूर्णकालिक अवधि दी जाए।अन्य राज्य, खासकर एम.पी. की तरह फालेन आऊट व्यवस्था द्वारा स्थानांतरण से सुरक्षा दी जाए।
भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव अतिथि व्याख्याताओ के साथ शाम तक डटे रहे, और काली दिवाली मनाई| अपने ओजपूर्ण भाषण से अतिथि व्याख्याताओ का उत्साहवर्धन किए और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए| केंद्र से आनेवाले मानदेय को काटना पूरी तरह से गलत है| जन घोषणा पत्र के अनुसार व्याख्याताओ को जाब सिक्योरिटी देना आवश्यक है|
वहीं जनता कांग्रेस के युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रदीप साहू ने अतिथि व्याख्याताओ की मांग पर पार्टी के पूर्ण समर्थन की बात कही है, तथा लाठी से लेकर गोली तक साथ देने का आश्वासन दिया है|
पुलिस प्रशासन द्वारा झूमाझटकी की गई और अतिथि व्याख्याताओ को जबरदस्ती सड़क से धकेल सप्रे शाला में सांकेतिक गिरफ्तार किया गया| इस दौरान कई महिलाओं को चोट आई है, और मोबाईल टूटे हैं| प्रतीकात्मक जेल में व्याख्याताओ ने मोमबत्ती और दिए जलाकर काली दिवाली मनाई| ज्ञात हो कि व्याख्याताओ को एक दिन का भी वेतन नहीं दिया गया है और लगातार प्रदर्शन के बावजूद, कोई सुनवाई नहीं हुई है|
हजारों की संख्या में उपस्थित अतिथि व्याख्याताओ में संभाग अध्यक्ष, शिवम पटेल, लव वर्मा, अंजीत सिंह नेताम, धनेश्वर एवं कंचन गिलहरे ने मुख्य भूमिका निभाई है|
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