ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के बाद अब केंद्रीय वित्त मंत्री ने भी देश में कोयला और बिजली संकट पर बयान दिया है. वि...
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के बाद अब केंद्रीय वित्त मंत्री ने भी देश में कोयला और बिजली संकट पर बयान दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत में बिजली का कोई संकट नहीं है. न ही कोयला का कोई संकट है. भारत पावर सरप्लस स्टेट है. उन्होंने कहा कि बिजली और कोयला संकट पर जो खबरें मीडिया में आ रही हैं, वह तथ्यों से परे है.
अमेरिका के हार्वर्ड केनेडी स्कूल में केंद्रीय वित्त मंत्री ने मोसावर-रहमानी सेंटर फॉर बिजनेस एंड गवर्नमेंट (Mossavar-Rahmani Center For Business and Government) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री और कोयला मंत्री दोनों आधिकारिक रूप से कह चुके हैं कि किसी प्रकार का कोई संकट नहीं है. भारत में जररूत से ज्यादा बिजली का उत्पादन हो रहा है. सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जो भी खबरें मीडिया में चल रही हैं, वे पूरी तरह से निराधार हैं. उन्होने कहा कि बिजली मंत्री ने कहा था कि हर बिजली उत्पादन केंद्र के पास कम से कम चार दिन का कोयले का स्टॉक है. सप्लाई चेन में भी कोई दिक्कत नहीं है. इसलिए यह कहना कि बिजली का संकट है और कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है, पूरी तरह से गलत और भ्रामक तथ्य है.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली, राजस्थान, पंजाब समेत आधा दर्जन से अधिक राज्यों ने कहा है कि उनके पास बिजली उत्पादन के लिए पर्याप्त मात्रा में कोयले का स्टॉक उपलब्ध नहीं है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था. कहा था कि राज्य सरकारें कह रहीं हैं कि कोयला का संकट है, लेकिन केंद्र सरकार इसे झुठला रही है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर बिजली का उत्पादन ठप हुआ, तो उद्योग धंधे ठप हो जायेंगे और इसकी वजह से सब कुछ बर्बाद हो जायेगा. दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कोयला संकट के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर कोयला का संकट नहीं है, तो केंद्र सरकार के इशारे पर राज्यों को बिजली की आपूर्ति कम कर दी गयी है. दिल्ली सरकार को महंगी बिजली खरीदकर उसकी आपूर्ति करनी पड़ रही है.
हालांकि, बाद में उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में बिजली का कोई संयंत्र नहीं है. राज्य सरकार बिजली का उत्पादन नहीं करती. दिल्ली सरकार अन्य राज्यों से बिजली खरीदकर अपने लोगों को आपूर्ति करती है. जिन राज्यों में कोयला संकट की बात कही जा रही है, उनमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्य उत्तर प्रदेश भी शामिल है.
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