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ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने सात दिवसीय ‘हाथकरघा एवं हस्तशिल्प‘ प्रदर्शनी का किया शुभारंभ

  ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों के लगे स्टॉलों अवलोकन किया। उन्होंने धान के पैरा से बनी जांजगीर की कलाकृ...

 


ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने प्रदर्शनी में विभिन्न जिलों के लगे स्टॉलों अवलोकन किया। उन्होंने धान के पैरा से बनी जांजगीर की कलाकृतियों सराहना की। उन्होंने धान के पैरे से पिरोयी गई डॉ. भीमराव अंबेडकर, महावीर और गणेश जी की आकर्षक कलाकृतियों की भी तारीफ की। मंत्री गुरू रूद्रकुमार स्टॉल अवोकन के दौरान बुनकर संघ के अध्यक्ष श्री गोवर्धन देवांगन ने बताया कि वस्त्र निर्माण के लिए यह संस्था सन् 1945 से कार्यरत है और इसका कार्यालय संतराबाड़ी दुर्ग में स्थित है। उन्होंने सभी हाथकरघा वस्त्र एवं हस्तशिल्प कला के स्टॉलों की सराहना की और इसे अपनी संस्कृति एवं सभ्यता को जीवित रखने का माध्यम बताया। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि ऐसे आयोजनों से ग्रामोद्योग से जुड़े लोगों को सीधा लाभ मिलता है और उनकी कला तथा उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद को बेहतर बाजार भी उपलब्ध होता है। जिससे कारीगरों और शिल्पियों को अपनी अभिव्यक्ति को कला के माध्यम से व्यक्त करने में सहायता मिलती है, उनका हौसला बढ़ता है और वे दोगुने उत्साह से काम करते हैं।



प्रदर्शनी में बुनकरों और शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए राज्यों के पारम्परिक वस्त्रों सहित छत्तीसगढ़ राज्य की ढोकरा हस्तशिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, गोदना शिल्प, शीसल शिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ती चित्र, पत्थर शिल्प, कौंड़ी शिल्प, तूम्बा शिल्प और हाथकरघा वस्त्रों में कोसा सिल्क, टसर सिल्क, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साड़ियां, टुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियों के प्रति लोग आकर्षित स्टॉल लगाया गया है। त्योहारों के मौसम में यह प्रदर्शनी इस्पात नगरी के निवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

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