Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

//

Breaking :

latest
//

मोदी के दूसरे कार्यकाल में आज पहली बार होगा कैबिनेट का विस्तार ,जाने केंद्र सरकार में ज्यादा से ज्यादा कितने मंत्री बन सकते हैं

  नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में आज पहली बार कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है. कैबिनेट विस्तान शाम 6 बजे होगा, ...

 




नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में आज पहली बार कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है. कैबिनेट विस्तान शाम 6 बजे होगा, जिसमें 20 से 22 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं. मोदी कैबिनेट में वर्तमान में प्रधानमंत्री के अलावा 21 मंत्री, नौ स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 23 राज्य मंत्री हैं. जानिए केंद्र सरकार में अधिक से अधिक कितने मंत्री बन सकते हैं और यह कैसे तय होता है.



भारतीय संविधान के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों की संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों के 15 फीसदी तक हो सकती है. लोकसभा में सदस्यों की संख्या 552 है, इस हिसाब से कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 81 से ज्यादा नहीं हो सकती. फिलहाल पीएम मोदी अपनी कैबिनेट में 28 मंत्रियों को और शामिल कर सकते हैं.


भारतीय संविधान के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट के सदस्यों की संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों के 15 फीसदी तक हो सकती है. लोकसभा में सदस्यों की संख्या 552 है, इस हिसाब से कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 81 से ज्यादा नहीं हो सकती. फिलहाल पीएम मोदी अपनी कैबिनेट में 28 मंत्रियों को और शामिल कर सकते हैं.


कैसे होता है नई कैबिनेट का गठन



भारतीय संविधान में मंत्रिमंडल के गठन से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 74, 75 और 77 बेहद महत्वपूर्ण है. अनुच्छेद 74 के मुताबिक राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद का गठन  किया जाता है. अनुच्छेद 74 के मुताबिक एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसके शीर्ष पर प्रधानमंत्री होंगे, पीएम की सहायता और सुझाव के आधार पर राष्ट्रपति मंत्रीमंडल पर सहमति देगें. वहीं, प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है. संविधान के अनुच्छेद 75(1) के अनुसार प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा.



संविधान के अनुच्छेद 77 के तहत सरकार के मंत्रालयों/विभागों का निर्माण राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर किया जाता है. प्रत्येक मंत्रालयों को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर सौंपा जाता है. प्रत्येक विभाग में नीति-मामलों और सामान्य प्रशासन पर मंत्री की सहायता के लिए एक सचिव प्रभार में होता है. किसी मंत्री के अपने पद-ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं. इसके बाद उन्हें मंत्री का दर्जा मिल जाता है. मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होता है.


"मंत्री तीन प्रकार के होते हैं-



मंत्रिपरिषद के विभिन्न सदस्यों के महत्त्व को दृष्टि में रखते हुए मंत्रियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है.


कैबिनेट मंत्री

राज्य मंत्री

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)"

 

No comments