भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा जारी गाईडलाईन के अनुसार कोविड-19 के नियंत्रण संबंधी पूर्व में लागू अधिकांश प्रतिबंधों में समय-समय पर स्वत...
भारत सरकार एवं
राज्य शासन द्वारा जारी गाईडलाईन के अनुसार कोविड-19 के नियंत्रण संबंधी पूर्व में
लागू अधिकांश प्रतिबंधों में समय-समय पर स्वतः छूट प्रदान की गई थी। वर्तगान में कोरोना
पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के फलस्वरूप जिला प्रशासन
धमतरी द्वारा गत 25 मार्च को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 प्रभावशील की
गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री जय प्रकाश मौर्य ने कोरोना संक्रमण की
रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जिले के सभी नगरीय निकायों सहित नगरपालिक निगम धमतरी
के सीमा क्षेत्र के भीतर स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खुला रखने के लिए समय
सीमा तय की है। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार सभी प्रकार की स्थायी एवं
अस्थायी दुकानें सुबह छः से रात नौ बजे तक, इंडोर डायनिंग वाले रेस्टोरेंट, होटल और ढाबा सुबह आठ से रात दस बजे तक संचालित किए जाएंगे।
टेक-अवे एवं होम डिलीवरी वाले रेस्टोरेंट, होटल और ढाबा रात साढ़े 11 बजे तक डिलीवरी की सुविधाएं दे सकेंगे तथा पेट्रोल
पम्प एवं मेडिकल स्टोर्स उपरोक्त नियंत्रण से मुक्त रहेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव
से लागू हो गया है।
बताया गया है कि
सभी दुकानदारों को अपनी दुकान के सामने दुकानांे के खुलने एवं बंद करने संबंधी
समय-सीमा के फ्लैक्स को प्रदर्शित करना होगा। सभी व्यापारियों, कर्मचारियों और ग्राहकों को मास्क पहनना तथा
सभी व्यापारिक गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा।
व्यवसायियों को अपनी दुकान और संस्थान में विक्रय के लिए मास्क रखना अनिवार्य होगा,
ताकि बिना मास्क के खरीददारी करने आए ग्राहकों
को पहले मास्क का विक्रय अथवा वितरण के बाद अन्य वस्तुओं एवं सेवाओं का विक्रय
किया जा सके। प्रत्येक दुकान और संस्थान में स्वयं तथा आगंतुको के उपयोग के लिए
सेनेटाइजर रखना अनिवार्य होगा। बाजार अथवा अन्य कोई क्षेत्र कन्टेनमेंट जोन घोषित
हो जाता है, तो उस क्षेत्र के
सभी व्यवसाय बंद हो जाएंगे एवं उस क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन के सभी नियमों का
पालन करना होगा। यदि किसी व्यवसायी द्वारा उक्त शर्तों में से किसी एक अथवा एक से
अधिक शर्तों का उल्लंघन किया जाता है, तो उसकी दुकान अथवा संस्थान को तत्काल प्रभाव से 15 दिनों के लिए सील कर दिया
जाएगा। इस आदेश के उल्लघंन करने वाले व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठान को भारतीय दण्ड
संहिता 1860 की धारा 188 सहपठित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं
महामारी नियंत्रण अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत दण्डित किया जा सकेगा।
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