मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि कोरबा जिले ने अधोसंरचना विकास , पर्यटन , शिक्षा और अब चिकित्सा के क्षेत्र में भी विकास की नई दिशा पकड़ी है। र...
मुख्यमंत्री
बघेल ने कहा है कि कोरबा जिले ने अधोसंरचना विकास, पर्यटन, शिक्षा और अब चिकित्सा के
क्षेत्र में भी विकास की नई दिशा पकड़ी है। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि कोरबा
जिला छत्तीसगढ़ का एक सुंदर, स्वस्थ
और शिक्षित जिला बने। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार है जब
एक साल में छत्तीसगढ़ को चार शासकीय मेडिकल कॉलेज मिलने जा रहे हैं। इनमें से एक
साल में कोरबा, कांकेर
और महासमुन्द में तीन नए मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली। इसके साथ ही साथ चंदूलाल
चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय को अधिग्रहण करने का निर्णय लिया गया। इससे
प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा सुविधा को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष से कोरबा मेडिकल
कॉलेज का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ और मेडिकल कॉलेज के नए भवन का भूमि
पूजन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री
ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था तब रायपुर में एक मेडिकल कॉलेज था।
इसके बाद बिलासपुर, रायगढ, अंबिकापुर, राजनांदगांव और जगदलपुर में नए
शासकीय मेडिकल कॉलेज बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों की कमी हमेशा बनी रहती
है। डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने और बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदेशवासियों को
उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार का प्रयास है कि हर लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल
कॉलेज बने। आने वाले समय में जिला स्तर पर भी मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रयास किया
जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जांजगीर में भी मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने के
लिए प्रयास करेगी।
श्री
बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कोरबा को एक्सप्रेशनल जिले के रूप में
चिन्हित किया है। राज्य सरकार इसे विकसित जिला बनाने का प्रयास कर रही है। कोरबा
के सतरेंगा को पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में तीन नए मेडिकल
कॉलेजों कोरबा, कांकेर
और महासमुन्द के लिए बजट में 300 करोड़
रूपए का प्रावधान किया गया है। आगामी अप्रैल माह में इन मेडिकल कॉलेजों के लिए बजट
आबंटन जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरबा की पहचान ऊर्जाधानी के रूप में
है। आने वाले समय में इस जिले की पहचान चिकित्सा और पर्यटन के क्षेत्र में भी होगी।
कार्यक्रम
की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि कोरबा अंचल के
लोगों का यह सपना था कि यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो। जिससे यहां के बच्चे
डॉक्टर बन सकें। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कुछ दिन पहले ही कोरबा में मेडिकल
कॉलेज की स्थापना की घोषणा की थी। आज इसका शुभारंभ हो रहा है। यह जिले के लिए
ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि चार माह की अल्पावधि में ही इस मेडिकल कॉलेज का
शुभारंभ हो रहा है। इस मेडिकल कॉलेज के लिए धन राशि भी आबंटित कर दी गई है। कोरबा
वनांचल के साथ कोयलांचल भी है। इसी अंदाज में यहां बेहतर से बेेहतर सुविधाओं का
विकास हो जिसका लाभ अंचल के लोगों को मिले। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव
ने कहा कि आज का दिन हम सब के लिए गर्व और खुशी का दिन है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश
बघेल की अगुवाई में प्रदेश में तीन नए मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति प्राप्त हुई, उसमें से कोरबा मेडिकल कॉलेज का
आज शुभारंभ हो रहा है। छत्तीसगढ़ लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
यह उपलब्धि जनहित में महत्वपूर्ण है।
स्कूल
शिक्षा मंत्री और कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि
कोरबा मेडिकल कॉलेज का भवन निर्माण लगभग 325 करोड़
रूपए की लागत से किया जाएगा। इस मेडिकल कॉलेज में 100 सीट होंगी। उन्होंने मेडिकल
कॉलेज के शुभारंभ होने पर जिलेवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। राजस्व मंत्री
श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि कोरबा का मेडिकल कॉलेज इसी वर्ष से प्रारंभ हो रहा
है। यहां के आईटी कॉलेज परिसर में मेडिकल कॉलेज बनेगा। इसके लिए 25 एकड़ जमीन आबंटित कर दी गई है।
भवन निर्माण के लिए जल्द निविदा जारी होगी। उन्होंने कहा कि कोरबा जिला खनिज की
सर्वाधिक रायल्टी देने वाला, रेल्वे
को सर्वाधिक राजस्व देने वाला जिला है, यहां
कोयला खदानें संचालित है। जिले के लोगों की यह मांग थी कि कोरबा में
सर्वसुविधायुक्त मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हो। मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से आज इस
मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ हुआ। लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत सहित मध्य
क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कंवर और एकीकृत
आदिवासी विकास परियोजना सलाहकार मण्डल के अध्यक्ष श्री मोहित राम केरकेट्टा ने भी
अपने विचार व्यक्त किए और जिलेवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
कोरबा
में स्थापित होने वाले इस नए मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू करने के लिए तात्कालिक
तौर पर झगरहा के आईटी कॉलेज के दो ब्लॉकों में पृथक व्यवस्था की जा रही है। मेडिकल
कॉलेज के नए भवन के लिए आईटी कॉलेज के पीछे 25 एकड़
भूमि चिन्हांकित कर ली गई है। इस भूमि पर मेडिकल कॉलेज भवन का भूमि पूजन किया गया।
भूमि
पूजन समारोह में राजधानी से वीडियो कॉन्फ्रंसिंग के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष
डॉ. चरण दास महंत, स्वास्थ्य
मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव जुड़े। कोरबा के कार्यक्रम स्थल पर प्रदेश के राजस्व
मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, स्कूल
शिक्षा मंत्री एवं कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और कोरबा
लोकसभा की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, मध्य
क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कंवर, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना
के सलाहकार मण्डल अध्यक्ष श्री मोहित राम केरकेट्टा, कोरबा नगर निगम के महापौर श्री
राजकिशोर प्रसाद, जिला
पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर और नगर निगम के सभापति श्री श्याम सुंदर
सोनी सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय
है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और चिकित्सा शिक्षा के लिए
केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत तीन नए मेडिकल कॉलेज कोरबा, कांकेर और महासमुंद में खोले
जाने है। कोरबा जिले में 325 करोड़
रूपए की लागत से एक सौ विद्यार्थी प्रति वर्ष प्रवेशित क्षमता का नया मेडिकल कॉलेज
प्रारंभ हो रहा है। मेडिकल कॉलेज की कुल लागत में से 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार
द्वारा और 40
प्रतिशत राशि राज्य
सरकार द्वारा वहन की जाएगी। पहले साल में मेडिकल कॉलेज में विद्यार्थियों के
दाखिले के बाद एनॉटोमी, फिजियोलॉजी, बायो-कैमेस्ट्री विषयों की पढ़ाई
शुरू होगी।
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