ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि सोमवार को आधी रात पर टोल प्लाजा की सभी लेन फास्टैग लेन हो जाएंगीं. मंत्रालय ने एम और...
ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि सोमवार को आधी रात पर टोल प्लाजा की सभी लेन फास्टैग लेन हो जाएंगीं. मंत्रालय ने एम और एन कैटेगरी में फास्टैग फिटमेंट की अधिसूचना जारी की थी. पैसेंजर और सामान ले जाने वाली, दोनों तरह की गाड़ियों के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है. इस वक्त टोल पर ली जाने वाली फीस का 75 फीसदी फास्टैग से लिया जा रहा है. अब नई अधिसूचना के मुताबिक सौ फीसदी फीस फास्टैग के जरिये जमा होने लगेगी.
ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं फास्टैग
एनएचएआई ने देशभर में 40,000 से ज्यादा केंद्र स्थापित किए हैं, जहां से आप फास्टैग खरीद सकते हैं. फ्लिपकार्ट, पेटीएम और दूसरी डिजिटल वॉलेट कंपनियां भी इसकी बिक्री कर रही है. आप इसे घर बैठे मंगाकर भी अपनी कार की सामने वाली विंडस्क्रीन पर लगा सकते हैं. इसे आप यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से भी रिचार्ज कर सकते हैं. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने इसकी कीमत 100 रुपये तय की है. इसके अलावा 200 रुपये सिक्योरिटी डिपोजिट करनी पड़ती है.
ऐसे काम करता है फास्टैग
जब कोई गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपकी गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेता है. इसके बाद आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाली फीस कट जाती है. इस तरह आप टोल प्लाजा पर रुके बगैर फीस का भुगतान कर सकते हैं. गाड़ी में लगा यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही अपना काम शुरू कर देता है. अगर आपके फास्टैग का अमांउट खत्म हो जाए तो आपको उसे फिर से रीचार्ज करवाना पड़ेगा. फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है. फास्टटैग रीचार्ज होने वाला प्रीपेड टैग है जो आपको अपनी गाड़ी के विंडशील्ड पर अंदर की तरफ से लगाना पड़ता है.
No comments