नई दिल्ली , 10 जनवरी । दिल्ली उच्च न्यायालय ने बटला हाउस स्थित धोबीघाट को तोड़ने की कार्रवाई से राहत देने के लिए याचिका दायर करने वाले संग...
नई दिल्ली, 10 जनवरी । दिल्ली उच्च न्यायालय ने बटला हाउस स्थित धोबीघाट को तोड़ने
की कार्रवाई से राहत देने के लिए याचिका दायर करने वाले संगठन को इस मामले को उचित
मंच पर ले जाने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। यहां धोबी कपड़े धोकर जीवनयापन
करते हैं। मुस्लिम कसर विकास संगठन को तीन हफ्ते का समय देते हुए दिल्ली उच्च
न्यायालय ने कहा कि इस अवधि के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) कोई कार्रवाई
नहीं करेगा।
उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें डीडीए को ओखला के
बटला हाउस स्थित धोबीघाट को ध्वस्त नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया
था। याचिका में मौजूदा धोबीघाट के लिए वैकल्पिक जमीन आवंटित किए जाने और वहां
निर्माण होने तक डीडीए को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने का
अनुरोध किया गया। याचिका का निपटारा करते हुए न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने
कहा कि इन परिस्थितियों में डीडीए तीन हफ्ते तक कोई कदम नहीं उठाएगा ताकि
याचिकाकर्ता (संगठन) इस मुद्दे को समाधान के लिए उचित मंच पर उठा सके।
डीडीए का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव बंसल और वकील प्रभ
सहाय कौर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि पिछले साल 24
दिसंबर से ही धोबीघाट के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि नगर निकाय यह कदम राष्ट्रीय हरित अधिकरण के फैसले के मद्देनजर
उठा रहा है। इसमें डीडीए की सीधी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने आदेशों का पालन
करते हुए यह कदम उठाया है।
उच्च न्यायालय ने अब याचिकाकर्ता को राहत देते हुए डीडीए को कहा है
कि अगले आदेश तक वह इस धोबीघाट को तोड़ने की कार्रवाई न करे। तीन हफ्ते बाद
याचिकाकर्ता की तरफ से उचित मंच को लेकर जवाब दाखिल करना होगा। उसके बाद ही पीठ
निर्णय करेगी की क्या कदम उठाया जाना चाहिए। पीठ ने इस मामले को अगली सुनवाई तक के
स्थगित कर दिया है।
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