मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे प्रदेश सरकार ने दो साल के भीतर जन-जन की आशाओं , आकांक्षाओं को पूरा करने की चुनौतियों का बखूबी सामना क...
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मे प्रदेश सरकार ने दो साल के भीतर जन-जन की आशाओं, आकांक्षाओं को पूरा करने की चुनौतियों का बखूबी सामना करते हुए प्रदेश की जनता का दिल जीता है, और जनता को स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन देने की पहल की है। प्रदेश सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ जनभागीदारी युक्त समृद्ध गांव के सपने को पूरा करने के लिए संकल्पित है। इन दो वर्षो मे लोकसभा चुनाव, नगर पलिका एवं पंचायत चुनाव के बाद मार्च 2020 से कोरोना कोविड-19 का संक्रमण से गुजरने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता की भलाई के लिए अनेक कल्याणकारी कदम उठाये गये हंै। बात हे अभिमान के छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के सेवा जतन सरोकार छत्तीसगढ़ सरकार थीम पर कार्य कर रही है ।
मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व मे दो साल के भीतर कई अभिनव
योजनाओं पर अमल हुआ। समाज के हर वर्ग की तरक्की और खुशहाली के लिए कार्य किये गये।
सरकार की विकास परख एवं कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन से लोगों का
सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। राज्य सरकार प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं-जन
आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सतत् क्रियाशील है। राज्य सरकार ने सिंचाई सड़कें, और बिजली जैसी
बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए जहां ठोस पहल की है वहीं राज्य के
कल्याणकारी स्वरुप को और अधिक व्यापक स्वरुप प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
छत्तीसगढ़ का गौरवशाली अतीत, समृद्ध विरासत, प्राकृतिक खनिज संसाधन और प्रतिभा संपन्न मानव कार्य कुशलता से
लबरेज यह प्रदेश संभावनाओं का प्रदेश बन गया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि
छत्तीसगढ़ मे किसानों को आगे बढ़ाकर मजबूत व आर्थिक रुप से सक्षम बनाकर ही राज्य को
खुशहाल बनाया जा सकता है। गांव की खुशहाली मे ही देश की खुशहाली समाहित है। दो
वर्ष पहले 17 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही किसानों से 25 सौ रुपये
प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के अपने वायदे को पूरा किया। वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों
का 8 हजार 755 करोड़ रुपय का
कृषि ऋण और 244 करोड़ रुपये का सिंचाई कर माफ किया। बस्तर मे एक निजी उद्योग
लगाने के नाम पर जमीन अधिग्रहण किया गया था। बस्तर जिले मे किसानों की 1764 हेक्टेयर
अधिग्रहित भूमि वापस होने से आदिवासी बहुल अंचल के किसान अब इसका उपयोग करने लगे
हैं।
गोधन न्याय योजना ने देश का ध्यान आकर्षित किया है, और देश भर मे
प्रशंसा बटोरी है। यह योजना गोबर संग्राहको के लिए खुशियां लेकर आई है। जिस गोबर
को पहले यूँ ही कचरे के ढेर मे फेंक दिया जाता था, उसे अब दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर
बेचकर लाभ कमाने का अवसर प्राप्त हुआ है। जल संवर्धन, पशु संवर्धन, मृदा
स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबंधन के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन देने के लिए
हमारी सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी
नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी के संरंक्षण एवं संवर्धन का महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित
किया जा रहा है। तंेदु पत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रुपये से
बढ़ाकर 4 हजार रुपए
मानक बोरा कर दिया गया है। राम वन गमन परिपथ प्र्यटन सर्किट के तहत 75 स्थानों का
चयन प्रथम चरण मे 9 स्थानों मे- सीतामढ़ी-हरचैका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर एवं
रामाराम के विकास और सौदर्यीकरण कि लिए 137 करोड़ 45 लाख रुपए की कार्ययोजना पर काम शुरु। राज्य
के प्रत्येक विकासखण्डों मे फूडपार्क की स्थापना की जा रही है। 1 मार्च 2019 से उपभोक्ताओं
को हाॅफ बिजली बिल की सुविधा, योजना शुरु हाने से अब तक 38 लाख 42 हजार उपभोक्ताओं को 1336 करोड़ रुपए की
सब्सिडी दी गई है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नागरिकों की सरकार तक चैबीसों
घण्टे सातो दिन पहुंच। 126 से अधिक नागरीक सेवाएं निर्धारित समय सीमा मे तय।
कोरोना संक्रमण काल मे लाॅकडाउन के दौरान भी प्रदेश के
मुख्यमंत्री गरीबों के मसीहा बने। उन्हाने इस संकटकाल मे राशन कार्डधारियों सहित
प्रवासी मजदूर परिवारों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था कराई। देश के विभिन्न भागों
से लौटे करीब 7 लाख श्रमिको के लिए 21 हजार क्वारेंटाइन सेन्टर बनाये गये। इन
सेन्टरों मे निःशुल्क आवास भोजन और स्वास्थ्य जांच के साथ सभी बुनियादी सुविधाएं
मुहैया कराई गई।
(छगन लोन्हारे)
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