मशहूर शायर मुनव्वर राणा के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कार्टून विवाद को लेकर फ्रांस में हुई हत्याओं के समर्थन में...
मशहूर शायर मुनव्वर
राणा के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कार्टून विवाद को
लेकर फ्रांस में हुई हत्याओं के समर्थन में बयान देने पर राणा पर ये एफआईआर हुई
है। पुलिस ने मुनव्वर राणा के इस बयान को सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वाला बयान
माना है। पुलिस ने मुनव्वर राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153a
295a 298 505 सहित
अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि मुनव्वर राणा ने तर्क देते
हुए कहा कि अगर मजहब मां के जैसा है, अगर कोई आपकी मां का, या मजहब का बुरा
कार्टून बनाता है या गाली देता है तो वो गुस्से में ऐसा करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि
मुसलमानों को चिढ़ाने के लिए ऐसा कार्टून बनाया गया।
राणा ने कहा था, अगर अभी कोई शख्स
मेरे बाप का कार्टून कोई ऐसा बना दे गंदा, मेरी मां का कार्टून
कोई ऐसा गंदा बना दे तो हम तो उसको मार देंगे। अगर कोई हमारे हिंदुस्तान में
हमारे किसी देवी-देवता का, मां
सीता का या भगवान राम का ऐसा कोई कार्टून बना दे कि गंदा हो तो हम उसको मार देंगे।
उन्होंने का था, जब
हिंदुस्तान में हजारों साल से ऑनर किलिंग को जायज मान लिया जाता है कोई सजा नहीं
होती है तो फ्रांस की घटना को नाजायज कैसे कहा जा सकता है। राणा ने ने एक चैनल से
बातचीत में एमएफ हुसैन का भी जिक्र किया। राणा ने का, 'एमएफ हुसैन ने हिंदू
देवी-देवताओं की विवादित पेंटिंग्स बनाईं तो उस बुजुर्ग शख्स, 90 साल के बूढ़े आदमी
को देश छोड़कर भागना पड़ा। एमएफ हुसैन इस बात को जान चुके थे कि यदि उन्होंने ऐसा
नहीं किया तो उन्हें मार दिया जाएगा।
क्या
है मामला?
बता दें कि करीब दो
सप्ताह पहले 16 अक्टूबर को फ्रांस में एक मुस्लिम
अप्रवासी अब्दुल्लाख अंजोरोव ने एक टीचर सैमुअल पैटी का सिर कलम कर दिया था। पैटी
ने अपने छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी का उदाहरण देते हुए पैगंबर मुहम्मद को
दशार्ते हुए चार्ली हेब्दो के कार्टून दिखाए थे। इसे मुस्लिम अप्रवासियों ने अपने
अपमान के तौर पर लिया। यहां तक की शिक्षक
ने मुस्लिम छात्रों को उनकी कक्षा में उपस्थित न होने का विकल्प भी दिया था।
हालांकि पुलिस की कार्रवाई में चेचेन शरणार्थी अंजोरोव भी मारा गया। इस घटना के
बाद से फ्रांस में कट्टरपंथी इस्लाम की निंदा की जा रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति
इमानुएल मैक्रों ने अपने बयान में कट्टरपंथी इस्लाम की आलोचना की थी और शिक्षक की
हत्या को 'इस्लामिक आतंकवादी हमला' कहा था। मैक्रों के बयान को लेकर दुनिया के कई
देशों में विरोध हो रहा है।
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