राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने स्कूलों में समर कैम्प आयोजन और संपर्क डिवाईस संचालन के संबंध में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग...
राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने स्कूलों में समर कैम्प आयोजन और संपर्क डिवाईस संचालन के संबंध में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। इस अवसर पर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जनसहयोग से प्राप्त 346 संपर्क टीवी डिवाईस का वितरण भी किया। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष बहुत अच्छा समर कैम्प का आयोजन किया गया था। उसी तरह इस वर्ष भी स्वैच्छिक समर कैम्प जिले के सभी स्कूलों में 1 मई से 15 मई तक आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही समर कैम्प को बेहतर एवं उपयोगी बनाने के लिए न्यौता भोज का भी आयोजन करने कहा। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए समर कैम्प बहुत अच्छा कार्यक्रम है। उन्होंने समर कैंप में जल बचाने की थीम को लेकर एवं बच्चों की रचनात्मकता को उजागर करने तथा छुपी प्रतिभा को सामने लाने के लिए बच्चों की रूचि अनुसार समर कैंप का संचालन करने कहा। उन्होंने कहा कि समर कैम्प के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा की पहचान कर आगे बढ़ाने का अवसर है और बच्चों के संकोच को दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में कुछ न कुछ प्रतिभा होती है। जिससे दूसरे बच्चों को सीखने को मिलता है। ऐसे बच्चों का विशेष रूप से चिन्हांकन करके उनकी गतिविधियों को और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करने कहा। समर कैम्प के माध्यम से बच्चों की शारीरिक गतिविधियां बढ़ती है। उन्होंने कहा कि बच्चे तार्किक एवं सरल तरीके से बताने पर जल्दी समझते हैं इसके लिए समर कैम्प में बच्चों को किसी भी विषय को तार्किक तरीके से बताने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों का भविष्य गढ़ते है और उनके जीवन में बदलाव ला सकते है। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों को प्रोत्साहित करते रहने के लिए कहा।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने आज जनसहयोग से प्राप्त 346 संपर्क डिवाईस का प्राथमिक शालाओं को वितरण किया। उन्होंने कहा कि संपर्क डिवाईस के माध्यम से सभी बच्चों को एक समान शिक्षा मिल रही है। इसके माध्यम से जिले के अंतिम गांव के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिलती है। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने संपर्क डिवाइस को लेकर सभी स्तर पर मॉनिटरिंग किए जाने एवं तकनीक से जोड़कर बच्चों को किस प्रकार से बेहतर उनके लर्निंग आउटकम को प्राप्त किया जा सकता है इसके संबंध में जानकारी दी। सभी ने इस कार्य में स्वप्रेरित होकर जुडऩे कहा। जिससे शासकीय स्कूलों के बच्चों में आवश्यक बुनियादी गुणवत्ता ला सके।
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